इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे, तो नहीं होगा डिमेंशिया

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अपने आसपास अक्सर हम बहुत सारे लोगों को देखते हैं जो कहीं ना कहीं भूलने की बीमारी का शिकार हो जाते हैं. खास करके यह दिक्कत बुढ़ापे में होती है, जिसे डिमेंशिया कहते हैं. दुनिया में लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. डब्ल्यूएचओ (WHO) की मानें तो हर साल करीब 10 करोड़ (10 Million) नए मामले डिमेंशिया के आते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इस समस्या से बचा जा सकता है? यहां कुछ ऐसे सुझाव हैं जिनको अपनाकर हम डिमेंशिया के रिस्क को कम कर सकते हैं. कुछ छोटी-छोटी चीजों का अगर हम ध्यान रखें तो डिमेंशिया को मात दिया जा सकता है.