हेमाराम चौधरी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तो पायलट गुट के कार्यकर्ताओं और डेगाना MLA में झड़प

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नागौर: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख़्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के बीच अंतर्कलह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। मंत्रिमंडल पुर्गठन के बाद रोज एक नयी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है। ऐसा ही कुछ गुरुवार को नागौर जिले के डेगाना में हेमाराम चौधरी के कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला। डेगाना MLA विजयपाल मिर्धा और डेगाना शहर के पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सीता राम बिंदा में बहस हो गई। धीरे-धीरे मामला गरमा गया। बहस इतनी बढ़ी कि पुलिसकर्मियों को बीच में आना पड़ा। इसके बाद पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम बिंदा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, उनके साथ आए लांडनू विधायक मुकेश भाकर और परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया का स्वागत समारोह हुआ।
हेमाराम चौधरी शहीद की प्रतिमा अनावरण समारोह में पहुंचे थे

कैबिनेट मंत्री बने हेमाराम चौधरी डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा, लाडनू विधायक मुकेश भाकर और परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया के साथ डेगाना के रेणास गांव में शहीद जवान किशनाराम बाबल की प्रतिमा अनावरण समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान पायलट गुट से जुड़े डेगाना शहर के पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम बिंदा के नेतृत्व में इड़वा गांव में पूर्व सांसद और पूर्व PCC उपाध्यक्ष गोपाल सिंह शेखावत के घर के बाहर कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी का स्वागत समारोह रखा। हेमाराम चौधरी ईड़वा के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। सैकड़ों कार्यकर्ता वहां इन्तजार करते ही रह गए। पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम बिंदा ने आरोप लगाया कि हेमाराम चौधरी कार्यक्रम में आना चाहते थे। डेगाना MLA विजयपाल मिर्धा ने उन्हें आने नहीं दिया। इससे नाराज बिंदा अपने कार्यकर्ताओं के साथ हाईवे पर पहुंच गए और मंत्री के काफिले को रुकवा लिया। इस पर डेगाना MLA नाराज हो गए और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। यहां तक दोनों नेता एक-दूसरे को देख लेने तक की धमकी देने लगे। मामला बढ़ता देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने MLA मिर्धा और उनके समर्थकों को शांत कर गाड़ी में बैठाया।

विधायक विजयपाल मिर्धा ने बताया कि हेमाराम चौधरी का राणास गांव के अलावा अन्य जगह पर कार्यक्रम निर्धारित नहीं था। मुझे भी किसी अन्य कार्यक्रम में ले जाने की जानकारी नहीं थी। इसलिए हेमाराम को वहां जाने के लिए मना कर दिया था।

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