झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया,हाथ जोड़कर माथा टेका
ग्वालियर: ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने परिवार का इतिहास बदलने की कोशिश की। उन्होंने वो कर दिया, जो अब तक सिंधिया घराने के किसी महाराज ने नहीं किया। ज्योतिरादित्य रविवार को भीड़ से अलग होकर अपने समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ अचानक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंच गए। समाधि के सामने हाथ जोड़े और शीश झुकाकर लक्ष्मीबाई को नमन किया। इतना ही नहीं, वहां 2 मिनट रुककर प्रार्थना की और पुष्पांजलि भी दी। कुछ देर वहां ठहरने के बाद वह निकल गए।
आलोचकों के मुंह बंद किए
यह किसी से छिपा नहीं है कि जब भी सन् 1857 की क्रांति और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की बात होती है तो सिंधिया परिवार की भूमिका उनके विरोधी के रूप में याद की जाती है। हिंदूवादी संगठन चुनावों में भी इसका जिक्र करते रहे हैं। वे इसे लक्ष्मीबाई के साथ सिंधिया परिवार की गद्दारी कहकर मुद्दे को हवा देते रहे हैं। हालांकि, ज्योतिरादित्य जब से कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से ये कयास लगाए जा रहे थे कि क्या वे लक्ष्मीबाई की समाधि पर आएंगे?
कांग्रेस विधायक ने सिंधिया छुए पैर
आज ही एक और मामला भी सामने आया है। भाजपा के पूर्व नेता और वर्तमान में कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हालांकि यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी कांग्रेस विधायक मंच से ज्योतिरादित्य की तारीफ कर उनके लिए अपना आदर दिखा चुके हैं।