बजट ने उम्मीदों पर फेरा पानी:पैरा टीचर्स को था स्थाई होने का इंतजार; हज कमेटी अध्यक्ष के निवास पर धरना शुरू किया
राजस्थान में मदरसों और अन्य शिक्षण संस्थाओं में बतौर पैराटीचर कार्य कर रहे 13 हजार से अधिक संविदा कार्मिकों की उम्मीदों पर राजस्थान सरकार के बजट ने पानी फेर दिया है । इन संविदा पैरा टीचर्स को नियमित नहीं किया गया है। इससे खफा पैरा टीचर्स ने गुरुवार से राज्य के विभिन्न विधायकों के निवास पर धरना शुरू कर दिया है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष शमशेर भालू खान के नेतृत्व में अजमेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के पैरा टीचर्स ने राजस्थान हज कमेटी के चेयरमैन अमीन कागजी के निवास पर धरना शुरू किया। शमशेर भालू खान ने कहा कि राज्य सरकार ने उनके साथ न्याय नहीं किया है । लंबे समय से पैरा टीचर्स नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में भी एक कमेटी का गठन किया गया था । इसके बावजूद सरकार ने बजट में मदरसा पैरा टीचर्स के नियमितीकरण को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए । इससे प्रदेश के 13000 से अधिक मदरसा पैरा टीचर्स के परिवारजनों और उन को धक्का लगा है। 5671 मदरसा पैरा टीचर्स के साथ ही 3728 शिक्षा सहयोगी, 4320 राजीव गांधी पैरा टीचर्स और 38 कामां पहाड़ी पैरा टीचर्स सरकार से नियमितीकरण को लेकर मांग कर रहे हैं।
संघर्ष समिति के अजमेर संभागीय अध्यक्ष मोहसिन खान ने बताया कि अगले चरण में राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ और विधायक वाजिब अली खान के यहां भी धरना दिया जाएगा। सरकार जल्द से जल्द उनकी वाजिब मांग को पूरा करे।