राजधानी वाले मंत्री के पोस्टर में पायलट की एंट्री:विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेता को मार्ग’दर्शक’ मंडल में जाने का डर
प्रदेश का बजट पास होने पर की गई घोषणाओं को लेकर मंत्री और विधायकों ने प्रदेश के मुखिया को अलग-अलग अंदाज में बधाई दी, शुक्रिया अदा किया। राजधानी के एक सौम्य छवि वाले मंत्रीजी ने भी उनके क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं के लिए सोशल मीडिया पर आभार जताया। सौम्य छवि वाले मंत्रीजी के पोस्टर में जो चेहरे हैं, उसे लेकर सियासी हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। मंत्रीजी ने बाकी नेताओं के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री का भी फोटो लगाया, जबकि आमतौर पर सत्ता खेमे के मंत्री ऐसा नहीं करते। इन सबके पीछे हाल की कुछ घटनाओं को कारण बताया जा रहा है। मंत्रीजी और पुराने युवा अध्यक्ष की पहले एक मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी थी। हालिया पोस्टर के पीछे भी अंदरूनी सियासी समीकरण कारण माना जा रहा है।
प्रदेश के मुखिया के पुराने सलाहकार बने आलोचक
सियासत में रिश्ते कभी स्थायी नहीं होते, कई नेताओं के प्रति बदलती निष्ठा से भी इसे अच्छी तरह देखा जा सकता है। प्रदेश के मुखिया के चिर समर्थक कम सलाहकार रहे एक प्रशंसक इन दिनों आहत हैं। जब से सरकार बनी है,पुराने प्रशंसक को खास तवज्जो नहीं मिली। हालत यह हो गई कि पुराने प्रशंसक ने कई बार मिलने का वक्त मांगा, वह भी नहीं मिला। इस उपेक्षा के बाद पुराने प्रशंसक का स्वाभिमान जाग गया। एक खास नजदीकी से पुराने सलाहकार ने यहां तक कह दिया कि अब पहले वाली बात नहीं रही, हाई सिक्योरिटी में रहने वाले नेता हो गए हैं।
दिल्ली से मिलने की जुगत में प्रदेश के नेता
पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद सियासी मौसम वैज्ञानिक माने जाने वाले प्रदेश के कई नेताओं की खुशी का ठिकाना नहीं है। कई नेता इसे अपने लिए संभावना के तौर पर देख रहे हैं। सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों के कई नेता दिल्ली में आप संयोजक और दिल्ली के मुखिया से मिलने की जुगत में हैं। इसके लिए कई नेता आंदोलन काल के नेताओं का भी सहयोग ले रहे हैं। दोनों ही पार्टियों के नेताओं को अभी तक सफलता नहीं मिली है। आने वाले दिनों में आप में जाने वाले नेताओं की संख्या बढ़ने की संभावना है। हालांकि आप के उभरने से सत्ताधारी पार्टी को खतरा है, लेकिन नेताओं को तो खुद के सियासी समीकरण बैठाने हैंं।
मैच से पहले ही मंत्री के आगे हाईप्रोफाइल अध्यक्ष क्लीन बोल्ड
सत्ता खेमे के बेहद नजदीक माने जाने वाले युवा मंत्री हद से ज्यादा किसी की परवाह नहीं करते। क्रिकेट संघ और विधायकों के मैच के दौरान हुई घटना की सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है। क्रिकेट संघ के हाई प्रोफाइल अध्यक्ष ने संघ पदाधिकारियों की जगह प्रोफेशनल क्रिकेटर्स को मैदान में उतारना चाहा, अध्यक्ष की यह रणनीति युवा मंत्री ने पकड़ ली। युवा मंत्री ने साफ कह दिया क्रिकेट के मैदान में तो खुद ही खेलना पड़ेगा, यहां नॉमिनी नहीं चलेंगे, वरना मैच ही नहीं होगा। युवा मंत्री के तेवर देखकर हाईप्रोफाइल अध्यक्ष ने यूटर्न लेना ही उचित समझा। इस घटना की सियासी हलकों में चर्चा हो रही है कि किसी मंत्री ने कम से कम इतनी तो हिम्मत दिखाई, जिसकी उम्मीद नहीं थी।