लैपटॉप नहीं, कागज-पैन से बनाई जीत की रणनीति! जानें कैसे नेहराजी ने डेब्यू सीजन में GT को चैम्पियन टीम के रूप में ढाला

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IPL 2022 जब शुरू हुआ था, तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि दो नई नवेली टीम गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स का प्रदर्शन इतना चमकदार रहेगा. लेकिन लीग स्टेज के खत्म होते-होते यही दो टीमें चैम्पियन बनकर उभरीं. इसमें से गुजरात टाइंटस ने तो सबसे पहले प्लेऑफ का टिकट कटाया. इसमें जितना योगदान टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या और खिलाड़ियों का है, उतनी ही बड़ी भूमिका टीम के हेड कोच आशीष नेहरा की है. ऑक्शन में खिलाड़ी चुनने से लेकर टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाने में नेहरा जी की कुशल रणनीति काम आई.

आशीष नेहरा आईपीएल में दूसरी बार कोचिंग में हाथ आजमा रहे हैं. इससे पहले वो दो सीजन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ बतौर बॉलिंग कोच जुड़े थे. इस सीजन से पहले भी उनके पास कोचिंग के ऑफर थे. लेकिन वो हेड कोच की भूमिका निभाना के साथ ही बिल्कुल नए सिरे से टीम को खड़ा करने की चुनौती लेना चाहते थे और अब तक नेहरा इसमें खरे उतरे हैं. आखिर ऐसे आईपीएल का पहला सीजन खेल रही एक टीम को आशीष नेहरा ने चैम्पियन टीम में तब्दील कर दिया. आइए समझते हैं.

आईपीएल पर दुनिया भर की नजर रहती है. इसे दुनिया की बेस्ट क्रिकेट लीग माना जाता है. ऐसे में खिलाड़ियों पर प्रदर्शन का दबाव होता है. लेकिन गुजरात टाइटंस के कोच के रूप में आशीष नेहरा ने इस बात का खास ध्यान रखा कि खिलाड़ियों पर दबाव हावी ना हो. 10 टीमों के कारण टूर्नामेंट में पहले से अधिक मुकाबले खेले जाने थे. लंबे वक्त तक टीमों को बायो-बबल के भीतर रहना था. ऐसे में खिलाड़ियों का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी थी. इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने खिलाड़ियों पर प्रैक्टिस, फिटनेस और मैच का दबाव कम करते हुए उन्हें जीत का नया मंत्र दिया.

यह सुनने में अटपटा लगे कि उन्होंने खिलाड़ियों को खाने-पीने और नींद पूरी करने का मंत्र दिया. लेकिन यही टीम के काम आया. हाई प्रेशर मुकाबलों में भी खिलाड़ी बिखरे नहीं, बल्कि हीरो बनकर उभरे. राहुल तेवतिया और डेविड मिलर जैसे खिलाड़ी इसके उदाहरण हैं.

आईपीएल का पहला सीजन खेल रही गुजरात टाइटंस की अब तक गेंदबाजी शानदार रही है. टीम के लिए 10 गेंदबाजों ने 71 विकेट लिए. एक तरफ जहां फिरकी गेंदबाज राशिद खान ने 15 विकेट झटके तो दूसरी ओर पेसर मोहम्मद शमी ने भी 16 शिकार किए. यह बताने के लिए काफी है स्पिन और तेज दोनों गेंदबाजों ने टीम की जीत में बराबर योगदान दिया. गेंदबाजों ने उस वक्त टीम की मैच में वापसी कराई, जब ऐसा लग रहा था कि विरोधी टीम आसानी से जीत हासिल कर लेगी.

इसमें भी कोच आशीष नेहरा का अहम योगदान रहा. वो खुद टी20 के स्पेशलिस्ट गेंदबाज रहे हैं. ऐसे में उन्होंने गुजरात के गेंदबाजों को भी इसी तरह तैयार किया और यही वजह रही कि गेंदबाजों में आखिरी गेंद तक लड़ने का माद्दा पैदा हो गया.

नेहरा ने कप्तान के रूप में हार्दिक पंड्या को फ्री हैंड दिया. इसी का नतीजा रहा है कि वो बतौर बल्लेबाज, गेंदबाज और कप्तान तीनों ही रोल में फिट और हिट नजर आए.

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