सड़क हादसे में मारे गए संदीप ने चार लोगों को दिया नया जीवन

0
News and Publisher

दिल्ली में सड़क हादसे का शिकार हुए युवक के मौत के बाद एम्स के डॉक्टर और परिवार के सहमति से चार लोगों को नया जीवन मिल गया. बता दें कि संदीप नाम के युवक की 13 मई को सड़क हादसे में गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद संदीप को गुरुग्राम के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिर में गंभीर चोट लगने का कारण युवक को दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया. लेकिन डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी संदीप को बचाया नहीं जा सका और 14 मई को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

चार लोगों को मिली नई जिंदगी
इस दुख घड़ी में भी संदीप के परिजनों ने अंगदान के लिए सहमति दी. जिसके बाद उनके लीवर, हार्ट और दो किडनी से चार लोगों को नई जिंदगी मिली. वहीं दोनों कॉर्निया को प्रिजर्व कर लिया गया, जिससे दो लोगों को आंखों की रोशनी मिल सकेगी. नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने अंगों का एलोकेशन किया. एम्स में 16 साल के एक मरीज में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. वहीं एम्स में ही 44 साल के एक मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया.

दिल्ली में सड़क हादसे का शिकार हुए युवक के मौत के बाद एम्स के डॉक्टर और परिवार के सहमति से चार लोगों को नया जीवन मिल गया. बता दें कि संदीप नाम के युवक की 13 मई को सड़क हादसे में गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद संदीप को गुरुग्राम के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिर में गंभीर चोट लगने का कारण युवक को दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया. लेकिन डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी संदीप को बचाया नहीं जा सका और 14 मई को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

चार लोगों को मिली नई जिंदगी
इस दुख घड़ी में भी संदीप के परिजनों ने अंगदान के लिए सहमति दी. जिसके बाद उनके लीवर, हार्ट और दो किडनी से चार लोगों को नई जिंदगी मिली. वहीं दोनों कॉर्निया को प्रिजर्व कर लिया गया, जिससे दो लोगों को आंखों की रोशनी मिल सकेगी. नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने अंगों का एलोकेशन किया. एम्स में 16 साल के एक मरीज में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. वहीं एम्स में ही 44 साल के एक मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया.

संदीप के दिल को 16 साल के बच्चे में किया गया ट्रांसप्लांट
एम्स न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक दीपक गुप्ता ने बताया कि घायल संदीप को पारस अस्पताल से यहां एम्स ट्रामा सेंटर लाया गया था. इसके बाद संदीप के दिल को एम्स के कार्डियो सर्जरी में 16 साल के बच्चे में ट्रांसप्लांट किया गया. एम्स के डॉ मिलिंद होते ने बताया कि अगर बच्चे को संदीप का हृदय न लगाया गया होता तो उसका जीवन सिर्फ एक साल ही बचा था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *