मामले की पूरी कहानी, जानिए- सर्वे से पहले और सर्वे के बाद अभी तक क्या क्या हुआ?
वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर का सर्वे पूरा हो चुका है. कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे टीम को आज अपनी रिपोर्ट पेश करनी है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने की संभावना कम है. कोर्ट कमिश्नरों का दावा है कि अभी रिपोर्ट तैयार करने में एक-दो दिन का समय और लग सकता है. कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय दिए जाने की अर्जी कोर्ट में पेश कर सकते हैं. ये मामला वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट चल रहा है.
सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी
वहीं दूसरी ओर सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. दोपहर एक बजे सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर करेगा सुनवाई. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दी है अर्जी. ज्ञानवापी को लेकर निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई है. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष आज हाईकोर्ट में अपील कर सकता है. मस्जिद में वजू वाली जगह सील करने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहा है.
बता दें कि इस मामले में अभी तक दोनों पक्षों की ओर से कई तरह के दावे किए जा चुके हैं. कोर्ट की निगरानी में सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है, अब सभी को सर्वे की रिपोर्ट इंतजार है. इस मामले को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है. इस सब के बीच हम आपके लिए ज्ञानवापी मस्जिद मामले की अब तक की पूरी कहानी लेकर आए हैं. जानिए- सर्वे से पहले और सर्वे के बाद अभी तक क्या क्या हुआ?
सर्वे से पहले और सर्वे के बाद अभी तक क्या क्या हुआ?
- 5 महिलाएं कोर्ट गयीं
- 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से कोर्ट में एक याचिका दायर की गई
- श्रृंगार गौरी, हनुमान, नंदी, गणेश के नियमित दर्शन और पूजा-अर्चना करने की इजाजत माँगी
- इसमें दावा किया गया था कि ऐसा न करने देना हिंदुओं के हितों का उल्लंघन होगा
- यह भी कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत गारंटी के अनुसार अपने धर्म को मानने का उनका अधिकार भंग हो गया है
- इसमें विपक्ष के तौर पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद, वाराणसी के कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, जिले के डीएम और राज्य सरकार को चुना गया था
- माँ श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के बारे में स्थितियों का पता लगाने के लिए 8 अप्रैल 2022 को अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त किया था
- 26 अप्रैल को वाराणसी के सिविल जज सिनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए तीन मई ईद के बाद और 10 मई के पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी कमीशन की कार्रवाई और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था