अलवर के गोविंदगढ़ में मॉब लिंचिंग:ट्रैक्टर चोरी के शक में बुरी तरह से पीटा, अस्पताल में मौत

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अलवर में एक बार फिर मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। जिले के गोविंदगढ़ कस्बे के रामबास गांव में चिरंजीलाल (45) की एक समुदाय के 20-25 लोगों ने 14 अगस्त को बुरी तरह से पिटाई की थी, सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

वह रविवार सुबह करीब 5 बजे घर के पास खेत में टॉयलेट करने गया था। इस दौरान स्कॉर्पियो और पिकअप में सवार होकर आए 20-25 लोगों ने खेत में ही उसे बेरहमी से पीटा। चीख-पुकार सुनकर लोग भागकर खेत में पहुंचे तो चिरंजीलाल वहां अधमरा पड़ा था। आरोपी भी वहीं खड़े थे और चिरंजीलाल पर ट्रैक्टर चोरी का आरोप लगा रहे थे।

फिर आरोपियों ने ही पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया। गोविंदगढ़ पुलिस सुबह करीब 6.30 बजे पहुंची तो आरोपियों और ग्रामीणों में बहस होती रही। पुलिस ने घायल को गोविंदगढ़ सीएचसी पहुंचाया, जहां से चिरंजीलाल को सुबह 9 जयपुर रेफर कर दिया गया।

यहीं सोमवार शाम 3 बजे चिरंजीलाल की मौत हो गई। शव सोमवार देर रात 11 बजे जयपुर से रामबास गांव पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। आक्रोशित लोगों ने रामगढ़-गोविंदगढ़ मार्ग को जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

मंगलवार सुबह भी आक्रोशित परिजन और गांव के लोगों ने रामगढ़-गोविंदगढ़ रोड को बल्लियां लगाकर जाम कर दिया। पीड़ित पक्ष ने 50 लाख मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

चिरंजीलाल के बेटे योगेश का कहना कि पुलिस प्रशासन ने आरोपियों पर कार्रवाई करने बजाय उन्हें छोड़ दिया गया। परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है और अपनी मांग पर अड़े हैं।

उन्होंने कहा कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आरोपी घटना के बाद खुले में घूमते रहे और पुलिस FIR दर्ज होने का इंतजार करती रही।

परिवार में 11 सदस्य, अकेले कमाने वाले थे चिरंजीलाल
मृतक चिरंजीलाल के परिवार में कुल 11 सदस्य हैं और वह सब्जी का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।

ये है पूरा मामला
अलवर के सदर थाना क्षेत्र से चोर एक ट्रैक्टर को चोरी करके भाग रहे थे। ट्रैक्टर मालिक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के साथ ट्रैक्टर मालिक अपने-अपने स्तर पर चोरों का पीछा कर रहे थे।

चोरों ने अपने आप को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़कर भाग गए। पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक वहां आ गए और खेत में शौच कर रहे चिरंजी माली को चोर समझकर बेरहमी से पीटा। पिटाई से घायल चिरंजी 34-35 घंटे बाद मौत हो गई।

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