खाचरियावास बोले- मंत्री तो खुद सरकार हैं:कहा- बाड़मेर प्रशासन ठीक काम नहीं कर रहा तो हेमाराम किससे कह रहे, वे खुद सक्षम

वन मंत्री हेमाराम चौधरी के खनन मामले को लेकर बाड़मेर प्रशासन पर सवाल उठाने के बाद सियासत तेज हो गई है। वन मंत्री के बयान पर अब खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने हर मंत्री को सरकार बताते हुए बचाव किया है।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- हेमाराम चौधरी को लगता है कि बाड़मेर प्रशासन ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है तो वे किससे कह रहे हैं, वे खुद सक्षम हैं, मंत्री तो खुद सरकार हैं। सरकार के मंत्री कमजाेर नहीं हैं, अफसर गलती कर रहा है तो सख्त कार्रवाई होगी। बजरी के नाम पर कोई माफिया गड़बडी कर रहा है तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
खाचरियावासने कहा- विधायकों-मंत्रियों को जनता ने चुनकर भेजा है। हम सबको जनता ने अधिकार दिए हैं। हम लोग मंत्री हैं उन्हें तो अलग से पावर है। हेमाराम चौधरी हमारे बडे भाई हैं, उन्हें लगता है कि बाड़मेर प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है तो आप खुद सक्षम हैं, आप किससे कह रहे हैं, आप खुद मीटिंग बुलाइए। सारे अफसरों को बुलाकर डारयेक्शन दीजिए। आपका अधिकार है,आप प्रभारी मंत्री को साथ लेकर चर्चा कीजिए। कहीं सुधार की जरूरत है तो मुख्यमंत्री से अकेले में बात करके समाधान करना चाहिए। उन्हें कोई दिक्कत है तो कलेक्टर एसपी को डायरेक्शन दे सकते हैं। वहां प्रशासन की बैठक बुलाकर वे निर्देश दे सकते हैं,मंत्री का तो अपना पावर है।
अफसरों पर कई मंत्री सवाल उठा चुके
स्थानीय प्रशासन और विभागों के कामकाज को लेकर पहले भी कई विधायक और मंत्री पहले भी सवाल उठा चुके हैं। बाड़़मेर में बजरी खनन काे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। अवैध बजरी खनन कई जिलों में बड़ा विवाद बना हुआ है।वन मंत्री हेमाराम चौधरी के सवाल उठाने के बाद कई तरह की चर्चाएं हैं।
हेमाराम चौधरी ने कहा था- बजरी के नाम पर लूट बर्दाश्त नहीं करूंगा, मेरे लिए जनता पहले सरकार बाद में
वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने रविवार को बाड़मेर में कहा था कि बजरी के नाम पर लूट बर्दाश्त नहीं करूंगा। मेरे लिए जनता पहले है, सरकार बाद में। मैंने खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को फोन करके बता दिया है। आने वाले दिनों में अगर बजरी खनन की लूट को नहीं रोका गया तो मैं जनता के साथ खड़ा रहूंगा। बजरी 550 रुपए टन से ज्यादा भाव में बेची जा रही है। राॅयल्टी पर्ची 40 रुपए के आसपास काटी जा रही है। खनन माफिया राजस्व का नुकसान तो कर ही रहे हैं, जनता को भी लूट रहे हैं।