चौमू, बगरू, चाकसू, बस्सी तक चलेगी मेट्रो!:गहलोत बोले- कभी न कभी यह सपना भी पूरा होगा; बजट में हो सकती है घोषणा

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के आसपास के शहरों को मेट्रो से जोड़ने की योजना पर आगे काम करने के संकेत दिए हैं। चौमू में ग्रामीण ओलिंपिक खेलों के ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में गहलोत ने कहा- चौमू तो जयपुर के पास है। आपको याद होगा मेरा सपना। मेरी तमन्ना है कि जयपुर से चौमू तक कभी न कभी मेट्रो आए। यह बात मैंने पिछले टर्म में भी कही थी, लेकिन सरकार बदल गई। कई स्कीम्स फेल हुए। बगरू, चौमू, चाकसू में सड़कों पर ट्रैफिक ज्यादा होता है। एक्सीडेंट ज्यादा होते हैं। कई लोग मारे जाते हैं। मेट्रो चलने लग जाए तो ऐसी घटनाओं में कमी आएगी। कभी न कभी यह सपना भी पूरा होगा।

गहलोत ने कहा- हमने फैसले करने में कमी नहीं रखी है। हमारी सरकार जनता की सरकार है। हर फील्ड में एक से एक फैसले किए हैं। घर-घर तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। हर घर नल की स्कीम में भारत सरकार 40 फीसदी पैसा दे रही है। बाकी पैसा राज्य सरकार दे रही है।

अगले बजट में चौमू को बीसलपुर योजना से जोड़ने की घोषणा
गहलोत ने कहा- चौमू तक बीसलपुर का पानी पहुंचाने की मांग की गई है। 20 किलोमीटर दूर हरमाड़ा तक बीसलपुर का पानी पहुंच चुका है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि चौमू तक बीसलपुर का पानी पहुंचाने को लेकर बजट से पहले मैं परीक्षण करवाऊंगा। जैसे ही पानी की उपलब्धता मुझे मालूम पड़ेगी, खुद अगले बजट में घोषणा करूंगा। ताकि चौमू को मीठा पानी मिले।

अभी दो रूट पर 11 किलोमीटर चल रही है जयपुर मेट्रो
राजधानी जयपुर में अभी मेट्रो मानसरोवर से चांदपोल और चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक 2 रूटों पर चल रही है। वर्तमान में मेट्रो का जयपुर में 11.3 किमी का रूट है। इस साल के बजट में मेट्रो के इसी रूट का विस्तार करते हुए बड़ी चौपड़ से दिल्ली बाइपास स्थित ट्रांसपोर्ट नगर और मानसरोवर से 200 फीट पुलिया अजमेर बाइपास का रूट जोड़ने की घोषणा की है। इसके लिए डीपीआर बनाई जा रही है। बजट में की गई घोषणा के पूरा होने के बाद जयपुर मेट्रो का ये रूट बढ़कर 16.5 किलोमीटर का हो जाएगा।

बजट की कमी सबसे बड़ी बाधा
जयपुर के चारों तरफ बसे शहरों तक मेट्रो चलाने के लिए बजट की कमी सबसे बड़ी बाधा है। गहलोत ने इसी वजह से इसे सपना बताया है। सरकार अगर दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर जयपुर मेट्रो का विस्तार करती है तो हजारों करोड़ सालाना का फंड चाहिए। राज्य सरकार के पास फंड की कमी है। मेट्रो के विस्तार के लिए भी कर्ज लेना होगा।

चुनाव से पहले गहलोत की घोषणा के मायने
मुख्यमंत्री ने चुनावी साल से पहले जयपुर के आसपास बसे शहरों को मेट्रो रूट से जोड़ने काे सपना बताने के सियासी मायने हैं। जयपुर के पास चौमू, बस्सी, चाकसू और बगरू विधानसभा सीटें हैं। चारों शहरों को मेट्रो से जोड़ने की बात कर सीएम ने चर्चाएं जरूर छेड़ दी हैं। इन क्षेत्रों में मेट्रो टॉकिंग पॉइंट बन गया है। अगले बजट में मुख्यमंत्री जयपुर के आसपास के शहरों को मेट्रो से जोड़ने पर डीपीआर बनाने की घोषणा कर सकते हैं।

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