राजस्थान में अभी तक खाली है नेता प्रतिपक्ष का पद , आज की कार्यवाही में बिना नेता प्रतिपक्ष शामिल हुयी बीजेपी

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राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम का राज्यपाल नियुक्त किया है। इसके बाद सूबे में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है। । वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा। सरकार को घेरने के लिए नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अहम होती है। नेता प्रतिपक्ष ही सदन के किसी भी नेता की ओर से लगाए गए सवाल पर बोलते हैं। वही सरकार को घेरने का काम करते हैं लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष नहीं होने से विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने वाला कोई नहीं है। हालांकि, सदन की कार्रवाई 27 फरवरी तक स्थगित है।
नाम तय नहीं कर पाने के पीछे यह है वजह
नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाने के पीछे बीजेपी की गुटबाजी एक बड़ा कारण है। दूसरी वजह है कि जिस नेता का नाम तय होगा, वह भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में दावेदार बन जाएगा। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर तभी लगेगी जब केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला लेगा। प्रदेश के नेताओं की निगाहें अब केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी है। किसी भी तरह के विवाद से बचने को लेकर प्रदेश स्तर पर इस बारे में कोई भी फैसला नहीं लिया जा रहा। इतना तो तय है कि जो भी विधायक नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठेगा, उनका कद और पद पार्टी में स्वतः ही बढ़ जाएगा। हालांकि जब तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं हो जाता तब तक उपनेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे।