पुलिस उप महानिरीक्षक ओमप्रकाश मेघवाल रहे जिले के दौरे पर

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डीडवाना राजस्थान पुलिस के अजमेर रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक ओमप्रकाश मेघवाल एक दिवसीय डीडवाना कुचामन जिले के दौरे पर रहे। सर्वप्रथम अजमेर रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक के पहुंचने पर पुलिस की सिपाहियों के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में डीडवाना सर्किल के पुलिस अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक ली।बैठक में बढ़ते हुए साइबर क्राइम महिला अपराधों को लेकर दिशा निर्देशित किया। साथ ही आमजन को किस तरह जागरूक किया जाए।और जो प्रकरण थाने में दर्ज हुए।उनकी क्या रिपोर्ट रही है। उसको लेकर मॉनिटरिंग की गई। और आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भामाशाहों ने समाजसेवीयो ने नेताओं ने पुलिस उप महानिरीक्षक ओमप्रकाश मेघवाल का माला साफा पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर स्वागत अभिनंदन किया।पुलिस उप महानिरीक्षक ओमप्रकाश मेघवाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए मीडिया के द्वारा किए गए। सवालों का जवाब देते हुए कहा कि साइबर क्राइम को लेकर स्टेट लेवल पर डीजी एसईआरबी की पोस्ट और हर जिले में साइबर पुलिस स्टेशन खोले गए हैं।और डीएसपी लेवल के अधिकारी लगाए गए हैं। किसी भी तरह की कोई कंप्लेंट साइबर क्राइम से रिलेटेड आती है। तो कंप्लेंट को लेते हैं। और किसी का मनी ट्रांजैक्शन हुआ है। तो सबसे पहले पैसे को रुकवाते है। और आगे जो चैन है। उसको खत्म करने के लिए मामल दर्ज कर अरेस्ट की कार्रवाई करवाते हैं। लास्ट छ माह में बहुत ही अच्छे प्रयास चल रहे हैं। स्टेट लेवल पर कंपेयर प्रोग्राम चलाकर 14 स्टेट के बच्चों को बुलाकर साइबर क्राइम से रिलेटेड जानकारी देकर जागरूक करने का कार्यक्रम चलाया गया था। जिला स्तर पर थाना स्तर पर भी लोगों में जागरूकता के लेकर इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। और साइबर क्राइम को लेकर प्रक्रिया और प्रयास दोनों ही अच्छे चल रहे हैं। महिला अत्याचारों को लेकर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा महिला अत्याचार और एससी एसटी के मामले यहां पर ज्यादा है। लेकिन सबसे बड़ी बात पोक्सो एक्ट के मामलों की है। जो छोटी बच्चियों के साथ नाबालिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म के छेड़छाड़ के मामले है।उनका स्ट्रांग इन्वेस्टिगेशन ना हो। तब तक इसमें बहुत अच्छे सुधार की आवश्यकता नहीं होगी।प्रत्येक कैश का इन्वेस्टिगेशन अच्छे तरीके से हो।और दो महीने में उसका चालान पेश हो जाए।तो उसमें अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं।और दो महीने में जो चालान पेश नहीं कर पाता है।उसका जो मार्किंग होता है। वह डाउन होता है। और दो महीने पुराना कोई भी केस पेंडिंग ना रहे। किसी केस में अगर कोई किसी कारण बरी हो जाता है।उस केस में आयुओ की भी जिम्मेदारी तय की जाती है। कि क्या अनुसंधान में कमियां छोड़ी गई। जिसकी वजह से मुलजिम बरी हुआ। पोक्सो के जो मामले हैं। उन्हें काफी ज्यादातर सजा का प्रावधान भी बढ़ा है।और कोर्ट भी न्याय दे रहा है।ऐसे मामलों पर निश्चित तौर पर महिला अपराधों में कमी आएगी और आ भी रही है।

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