मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर माँग रखी

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झालावाड़ के पूर्व पार्षद संजीव वर्मा ने: हाल ही में हाईकोर्ट में एक संविदाकर्मी ने आत्महत्या की तो प्रदेश की सरकार ने बारह घण्टे के अंदर संविदाकर्मियों का मानदेय 5600 की जगह चौदह हजार कर दिया गया इससे पता चलता है कि सरकार कितनी लाचार हो गई है झालावाड़ के पूर्व दिव्यांग पार्षद संजीव वर्मा ने महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजकर माँग रखी है संजीव वर्मा ने बताया की शर्मनाक बात तो यह है कि उस संविदाकर्मी की पांच माह से वेतन नही दिया गया था राज्य सरकार यही मानदेय उस संविदाकर्मी के जीते जी बढ़ा देते तो क्या उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ता इस घोर कृत्य के लिए प्रदेश की सरकार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण बनना चाहिए ताकि प्रदेश सरकार ऐसे संवेदनशील मामलों को प्राथमिकता से कैबिनेट की मीटिंग बुला कर निस्तारण करे।ठीक इसी प्रकार का मामला प्रदेश में ठेका कर्मियों के rlsdc गठन का भी है पूर्व राज्य सरकार ने शीघ्र अति शीघ्र rlsdc गठन और कार्मिकों के मानदेय बढ़ाने एवं नियमतिकरण पर कार्य किया था और यही बचा हुआ कार्य वर्तमान भाजपा सरकार को करना था परंतु अभी तक इस मामले को कैबिनेट मीटिंग तक मे भी नही लिया गया है क्या प्रदेश सरकार किसी ठेका कर्मचारी की आत्महत्या का इंतज़ार कर रही है इतने कम वेतन सात से आठ हजार में प्रदेश के कर्मचारी ऐसे हालात से गुजर रहे है कि आत्महत्या के लिए कर्मचारी कदम बढ़ा रहे है।अगर ऐसे में कोई ठेका कार्मिक कोई गलत कदम उठा लेता है तो क्या राज्य सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी।प्रदेश के लाखों कर्मचारी जो प्लेसीमेंटकर्मी है के लिए प्रदेश सरकार निर्णय कब लेगी अभी तक rlsdc गठन के लिए निदेशक की भी नियुक्ति नही की गई हैं आखिर ऐसे संवेदनशील विषयो पर सरकार समय रहते हुए निर्णय क्यों नही ले पा रही है सरकार को इस प्रकार के खतरे को भाँपते हुए लाखो ठेकाकर्मियों के लिए नियमतिकरण वेतनवृद्धि एवं rlsdc गठन का निर्णय शीघ्र लेना चाहिए अन्यथा प्रादेशिक आंदोलन करके मांग की जायेगी।*

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