आबकारी विभाग मेहरबान, चल रही अवेध शराब की दुकान

मकराना। मकराना शहर के जूसरी-कालवा बाइपास पर नियमो के विपरीत संचालित एक मदिरा की दुकान की वर्तमान लोकेशन को आबकारी आयुक्त उदयपुर न्यायालय ने गलत मानते हुए निरस्त कर देने के
आदेशों के बाद जिला आबकारी अधिकारी ने वहा पर संचालित दुकान को हटा दिया है । लेकिन लोकेशन की आड़ में इसी मालिक की शराब की अन्य दुकान जो मकराना माताभर गोशाला रोड पर जिला आबकारी विभाग की मेहरबानी से संचालित किये जाने का मामला प्रकाश में आया हे। जो गैर कानूनी रूप से संचालित हो रही है। आबकारी विभाग द्वारा अनुज्ञाधारि को यहाँ की लोकेशन स्वीकृति प्रदान नही है। लेकिन उसे वहा से नही हटाया जा रहा हे। बिना लोकेशन के अवेध रूप से शराब बिक्री के कारण राजस्थान सरकार को
एक और जहा बड़ी राजस्व हानि हो रही है वहीं अन्य शराब ठेकेदारो के राजस्व पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उक्त मदिरा दुकान नगर परिषद मकराना के वार्ड नंबर 32 में संचालित होनी चाहिए जब की यह जुसरी ग्राम राजस्व क्षेत्र में संचालित हो रही है। आबकारी आयुक्त ने अवेध लोकेशन को निरस्त करने के आदेश जिला आबकारी विभाग को दिए थे लेकिन उन आदेशों की पालना नहीं हो रही है। आबकारी विभाग के लचीले रुख और लापरवाही के कारण आज भी अवेध संचालन जारी है। ज्ञात रहे आबकारी विभाग ने शहर के वार्ड 32 में कंपोजिट मदिरा की दुकान का आवंटन किया था। अनुज्ञाधारी ने वार्ड की बजाय वहां से काफी दूर कालवा बाइपास पर दुकान लगा ली थी। जिसे शिकायत के बाद वहा से हटा दिया गया लेकिन माता भर गोशाला रोड पर आबकारी विभाग की कोई लोकेशन अनुज्ञाधारक को नियमानुसार स्वीकृत नहीं है। उस के बाद भी यहां शराब की अवेध बिक्री की जा रही ह,आस पास होटलो में खुले आम इसकी आड़ में शराब का गोरख धंधा खूब फल फूल रहा है। इस अवेध दुकान संचालन के कारण मंगलाना रोड पर मौजूद ज्यादा रेवेन्यु देने वाली नियमानुसार स्वीकृत लोकेशन में संचालित मदिरा दुकान की बिक्री प्रभावित हो रही है। इस मामले में प्रभावित दुकान संचालक शेर सिंह ने माताभर रोड पर संचालित मदिरा की दुकान को गैरकानूनी व बगैर लोकेशन लगाए जाने का विरोध जताते हुए शिकायत आबकारी आयुक्त को पेश है। शिकायत करता ने बताया कि वह सरकार के आठ से नो करोड़ आय सालना ठेका स्वीकृत अनुज्ञाधारी है ।
विडंबना ही है की आबकारी आयुक्त के आदेशों के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी द्वारा गलत लोकेशन को निरस्त नहीं कर अवेध रूप से संचालित शराब दुकानदार को अनेतिक रूप से फायदा पहुंचाया जा रहा है,जिससे करोड़ो की आय देने वाले अनुज्ञाधारी शेर सिंह को बड़ी आर्थिक राजस्व हानि हो रही है, वही राजस्थान सरकार के राजस्व को भी चुना लग रहा है। ऐसे में लीगल रूप से शराब का ठेका संचालन करने वाले अनुज्ञाधारी शेर सिंह आबकारी विभाग की ढुल मूल नीति के शिकार होकर विभाग की प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। पीड़ित शेर सिंह ने स्वयं की मदिरा की दुकान की मदिरा बिक्री प्रभावित होने के कारण गलत लोकेशन में संचालित मदिरा दुकान को उसके अधिकृत क्षेत्र में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी। शेर सिंह ने बताया कि केसर कंवर हरनावा द्वारा
अपनी दुकान का संचालन गलत तरीके से किया जा रहा ह। कमपोजिट
रिटेल मदिरा दुकान मकराना वार्ड नंबर 32 नागौर वित्तीय वर्ष 2024,2025 का अनुज्ञाधारी है और उनको वार्ड नंबर 32 नगर परिषद मकराना के वार्ड नंबर 32 के क्षेत्र में ही दुकान संचालित करने की अनुमति प्राप्त हे। जबकि उनके द्वारा उक्त मदिरा दुकान का संचालन गांगवा
क्षेत्र में किया जा रहा है जो की स्वयं शेर सिंह इस क्षेत्र का आबकारी विभाग का अधिकृत अनुज्ञाधारी है।
शेर सिंह ने बताया कि जिला आबकारी से लेकर आबकारी आयुक्त को वह बार बार गुहार लगा चुके लेकिन उन्हे आज तक कोई राहत नही मिली है। विभाग द्वारा अवेध लोकेशन में संचालित शराब दुकान को नहीं हटाया जाने से उन्हे अब तक लाखो रुपए की आर्थिक राजस्व हानि हुई है,वही सरकार को भी बड़ी राजस्व हानि हो रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की गलत नीतियों के चलते कोई भी व्यक्ति भविष्य में शराब ठेकेदार बनने से कतराने लगा है।