बिजली खरीद व्यवस्था होगी और अधिक पारदर्शी

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  • रियलटाइम मांग, उपलब्धता, आपूर्ति का होगा रियलिस्टिक आंकलन
  • एसीएस ऊर्जा डॉ. अग्रवाल की अध्यक्षता में एनर्जी एसेसमेंट कमेटी की बैठक
बिजली खरीद व्यवस्था होगी और अधिक पारदर्शी

जयपुर: अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि बिजली की रियलटाइम मांग, उपलब्धता और आपूर्ति के रियलिस्टिक आंकलन के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रोफेशनल एजेंसी की सेवाएं लेने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे बिजली की निर्बाध आपूर्ति और बिजली खरीद व्यवस्था को और अधिक व्यावहारिक व लाभकारी बनाया जा सकेगा। खासतौर से बिजली की खरीद व्यवस्था और अधिक व्यावहारिक होने से सस्ती दर पर बिजली खरीद हो सकेगी।

एसीएस माइंस, पेट्रोलियम और एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को विद्युत भवन में एनर्जी एसेसमेंट कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी किसानों को 2022-23 के अंत तक दिन में बिजली उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने से पीक समय में बिजली की मांग बढ़ेगी। इस समय प्रदेष के 15 जिलों में काश्तकारों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं जैसलमेर के कुछ हिस्सों में काश्तकारों को दिन में बिजली उपलब्ध होने लगी है।

 

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि काश्तकारों को दिन में बिजली वितरित कराने और बिजली की मांग बढ़ने से एक आंकलन के अनुसार 2022-23 में पीक ऑवर में बिजली की मांग बढ़कर 17757 मेगावाट हो जाएगी जबकि इस समय पीक ऑवर में औसत मांग 15800 मेगावाट के करीब है। उन्होंने बताया कि बिजली की भावी मांग के अनुसार प्रदेश में विद्युत उत्पादन की रणनीति भी तैयार की जा रही है। इसके लिए थर्मल, सोलर, विण्ड, बायोमॉस, हाइड्रो सहित सभी संभावित क्षेत्रों में वर्तमान उत्पादन क्षमता और उत्पादन क्षमता बढ़ाने की संभावनाओं का भी आकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सोलर, बायोमास और हाईड्रो परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी डिस्काम्स को जनअभाव अभियोगों का समय पर निस्तारण करने और सीएमआईएस के प्रकरणों की समयवद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि राज्य में इस समय तापीय विद्युत तापगृहों से विद्युत उत्पादन का नया रेकार्ड स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि करीब सात हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

जयपुर डिस्काम के प्रबंध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बताया कि जयपुर डिस्कॉम का शिकायत निवारण तंत्र पूरी तरह पारदर्शी व प्रभावी होने का ही परिणाम है कि लोगों की बिजली संबंधि शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो जाता है।
पीड्ब्लूसी की और से पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बैठक में वर्चुअली एमडी डिस्काम अजमेर वीएस भाटी, जोधपुर अविनाश सिंघवी ने हिस्सा लिया। निदेशक ऑपरेशन ऊर्जा विकास निगम पीएस सक्सैना, निदेशक आरवीपीएनएल नरेन्द्र सुवालका, सीई ऊर्जा विकास निगम मुकेश बंसल और पीड्ब्लूसी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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