चिकित्सा मंत्री की घोषणा के बाद जांच में आया सामने:पाेस्टिंग भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में, लेकिन दाे साल से जयपुर में डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं 110 डाॅक्टर

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चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की विधानसभा में डेपुटेशन पर लगे डाॅक्टर्स का डेपुटेशन खत्म करने की घाेषणा के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि करीब 110 ऐसे डाॅक्टर हैं जिनकी पाेस्टिंग भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्राें में हैं लेकिन वे डेपुटेशन पर जयपुर में (करीब 95 प्रतिशत डॉक्टर जयपुर और बाकी अन्य जिलों में डेपुटेशन पर हैं) काम कर रहे हैं। डेपुटेशन का यह खेल पिछले दाे साल से चल रहा है।

आश्चर्यजनक है कि इन 110 डाॅक्टर्स काे हर महीने करीब एक कराेड़ रुपए का वेतन भी भीलवाड़ा से दिया जा रहा। ऊंची पहुंच के कारण दाे साल से जयपुर में डेपुटेशन पर लगे हैं लेकिन इनके बारे में काेई पूछने वाला नहीं है। चिकित्सा विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने भी इनका डेपुटेशन खत्म करने के लिए मुख्यालय पत्र नहीं लिखा क्योंकि ये डेपुटेशन पर मनमर्जी की जगह अधिकारियों या नेताओं की सिफारिश पर ही लगे हुए हैं। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि जयपुर और बाहरी जिलों में डेपुटेशन पर लगे ये 100 डॉक्टर यदि भीलवाड़ा जिले में काम करते तो भीलवाड़ा में 128 के बजाय 18 पद ही खाली रहते और जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधाएं भी बेहतर मिलती। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टर्स के 369 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 231 पद भरे हुए और 128 पद खाली हैं।

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