मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां, 15 जून के पहले इलेक्शन होने की संभावना नहीं, जानिये क्यों

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मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य शासन का एक्शन शुरू हो गया है। इन तैयारियों को देखते हुए राज्य में नगरीय निकाय चुनाव फिलहाल 15 जून के पहले हो पाना संभव नहीं है। आज राज्य शासन ने परिसीमन का एक कार्यक्रम जारी किया है जिसके मुताबिक यह प्रक्रिया जून के दूसरे सप्ताह तक चलेगी। वहीं, नगरीय निकाय चुनाव में महापौर या निगम अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं के माध्यम से कराए जाने की भी तैयारी है।

जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने आज नगरीय निकायों के वार्ड परिसीमन का आदेश जारी किया है जिसकी प्रक्रिया 20 मई से शुरू होगी। इसके तहत 20 मई को अधिसूचना जारी होगी और फिर दावे-आपत्तियां बुलाई जाएँगी। दावे-आपत्तियां 31 मई तक बुलाने के बाद तीन जून को उनका परीक्षण किया जाएगा। छह जून को वार्डों का अंतिम प्रकाशन और 10 जून को वार्डों का आरक्षण किया जाएगा। 14 जून को वार्ड आरक्षण का प्रकाशन होगा। इस तरह 14 जून के पहले नगरीय निकाय चुनाव हो पाना बिलकुल भी संभव नहीं है।

महापौर व अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता चुनेगी
बताया जाता है कि राज्य शासन ने महापौर और अध्यक्ष के चुनाव सीधे मतदाताओं से कराए जाने का निर्णय लिया है जिसके आदेश जल्द जारी होने वाले हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस बारे में कहा कि इसकी तैयारी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयोग से भी इस संबंध में चर्चा की है। गौरतलब है कि यह व्यवस्था 2014 में भी लागू थी लेकिन कमलनाथ सरकार ने इसे वार्ड पार्षदों के माध्यम से चुने जाने का फैसला किया था। शिवराज सरकार इसे बदलने जा रही है।

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